Wednesday, September 19, 2012

होमलेस

दीवारें हैं,
दरवाज़े भी,
खिड़कियाँ हैं,
पर खुलती नहीं,
एक बिस्तर है,
रात सोने के काम आता है,
मेरे भी,
कंप्यूटर के भी,
और कुछ किताबों के,
एक कमरे, हॉल, और रसोई का,
पूरा अपार्टमेन्ट है,
पर तेरे बिना,
मेरे पास घर नहीं.

1 comment:

  1. Tum ho yahi kafi hai...
    Tumse raushan hai tumhara Ghar...
    kisi ki kya krni hai Fikar?

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