Sunday, March 27, 2011

कमरे काटते हैं

फर्क है,
घरों में और कमरों में;
कमरे,
कई बार,
घर बन जाते हैं,
घर बन कर
पालते हैं,
बन जाते हैं,
आशियाना,
आसरा,
सहारा,
और न जाने कितना कुछ,
पर कभी कभी,
वापस बदलने लगते हैं,
घर कमरों में;
कमरे,
जो ज़्यादा समझते हैं,
ज़्यादा जानते हैं,
अक्सर ज़्यादा खतरनाक हो जाते हैं,
साधारण कमरों से,
जो कभी घर बने ही नहीं,
कमरे काटते हैं..

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