Thursday, September 4, 2008

व्हाट एन आइडिया सरजी!

आपने अभिषेक बच्चन का व्हाट एन आइडिया सर जी वाला विज्ञापन तो देखा ही होगा जिस में अभिषेक मोबाइल फ़ोन की सहायता से गाँव के बच्चों को पढ़ाने का काम कर दिखाते हैं। वैसे वास्तविक ज़िन्दगी में तो बच्चों को ऐसे पढ़ाना आसान नही है पर यदि हम यू जी सी की हालिया बातों पर ध्यान देन तो हम शायद समझ पाएंगे कि अभिषेक के इस आइडिये को कहाँ अमल में लाने की ज़रूरत है।

हाल ही में यू जी सी ने कहा था कि भारत में विश्वविद्यालयों की संख्या बहुत कम है। अंकों में कहें तो भारत में आज लगभग 400 विश्वविद्यालय हैं लेकिन हमें आने वाले 4 साल में लगभग 800 और विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है।

निश्चय ही हम इतने विश्वविद्यालय इतने समय में नहीं बना सकते। लेकिन हम कुछ और कर सकते हैं। आज भारत दूरसंचार के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। आज देश में इन्टरनेट की पकड़ भी दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। ऐसे में हम इन्टरनेट के ज़रिये उच्च शिक्षा को विद्यार्थियों तक पंहुचा सकते हैं। हम भारत के सर्वश्रेष्ठ अध्यापकों, कहिये professors और researchers के lecture रिकॉर्ड कर के उन्हें इन्टरनेट के ज़रिये उन्हें विद्यार्थियों तक पंहुचा सकते हैं और बाद में परीक्षाएं करा सकते हैं। सच कहूँ तो मेरे विचार से इन्टरनेट पर वास्तविक जैसी, या फिर उस से भी बेहतर कक्षाएं करायी जा सकती हैं।

कुल मिला कर इन्टरनेट से हम घर बैठे शिक्षा को सफल बना सकते हैं, लेकिन इसके लिए सरकार को एक पहल करने की आवश्यकता है। आज जब इन्टरनेट हर गीत और फ़िल्म को जनता तक पहुँचाने में सक्षम है, तो फिर शिक्षा के क्षेत्र में हम पीछे क्यों हैं?

ज़रूरत है सिर्फ़ उस विचार की, उस आइडिये की। यदि हम इस आइडिये को सफल बना पाये, तो भारत में शिक्षा का स्तर उठाने में और सहायता मिल सकेगी, और हम गर्व से कह सकेंगे -- व्हाट एन आइडिया सर जी!

5 comments:

  1. बांग्लादेश के स्कूलों में इंटरनेट मुफ्त कर दिया गया है, लेकिन यहां तो सरकार सेवा पर सेवा पर सेवा पर सेवा... टैक्स लगाए जा रही है. इतनी महंगी इंटरनेट सर्विस से शिक्षा सस्ता कैसे होगी.

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  2. वाकई, व्हाट एन आइडिया सर जी!

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  3. भारत में शिक्षा का स्तर तो उंचा हो ! चाहे आइडिया कुछ भी हो !

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  4. Right said...
    This is the need of the hour for India.. Education for all is a must.. And makes us sad that we need to blurt it out after 60+ years of independence...

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  5. आप सभी की सकारात्मक टिप्पणियों के लिए धन्यवाद।

    हमें सभी के लिए शिक्षा तो चाहिए ही। परन्तु जो शिक्षित हैं, उनकी शिक्षा का स्तर भी उठाने की आवश्यकता है। सबसे बड़ी बात, वो सभी जो पढ़ना चाहते हैं, उन्हें हर स्तर पर अपनी शिक्षा को जारी रखने की सुविधा उपलब्ध हो, यह सर्वोपरि है।

    आशा है आप सभी सहमत होंगे।

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