बिहार में पानी ने क्या कहर ढाया हुआ है ये तो हम सभी जानते हैं। लेकिन विडम्बना यह है कि इतने पानी के बाद भी हम कई लोगों के लिए पीने लायक पानी नहीं जुटा पाते। एक ओर सूखा तो दूसरी ओर बाढ़, ऐसा कितनी ही बार हमारे साथ होता है।
आज भी भारत की जनसँख्या का एक बड़ा हिस्से, यानि लगभग 10 प्रतिशत लोगों को पीने का साफ़ पानी नहीं मिल पाता। भूगर्भ से निकले पानी के कारण लगभग 7 करोड़ भारतीय अधिक फ्लोराइड्स मिला तथा 1 करोड़ आर्सेनिक मिला पानी पी रहे हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
समुद्री तटीय इलाकों में एक और समस्या का सामना करना पड़ रहा है। भूगर्भी जल के अधिक उपभोग के कारण ज़मीन के नीचे समुद्री जल बढ़ रहा है जिससे ज़मीन के नीचे का पानी पीने योग्य नहीं रहता।
मुझे लगता है कि अब समय आ गया है कि हम इस समस्या को गंभीरता से लें और ख़ुद कुछ पहल करें। इस के लिए हम अपने घर बरसात से आने वाले पानी को बचा कर शुरुआत कर सकते हैं।
वर्षा से आए जल को कैसे बचाएं, इस के लिए यहाँ दिए गए लिंक को देखें।
http://www.kscst.iisc.ernet.in/rwh.html
यहाँ दिए गए चित्र, या कहिये चलचित्र की सहायता से आप आसानी से वर्षा के जल को बचाना सीख सकते हैं। और हमारी-अपनी प्रगति की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।
Wednesday, September 3, 2008
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बढिया विचारणीय लेख है।
ReplyDeletebahut achchca .....
ReplyDeletejari rakhe
धन्यवाद परमजीत। धन्यवाद मनविंदर। मुझे लगता है हमें सचमुच कुछ करने की आवश्यकता है। यदि हम शुरुआत करेंगे, तभी कुछ हो सकेगा।
ReplyDeleteप्रभावी एवं विचारणीय आलेख!!
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